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December 6, 2025 9:13 am

जिस भवन ने किसी को नहीं सताया…. उसे पालिका ने क्यों मिटाया?

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जिस भवन ने किसी को नहीं सताया…. उसे पालिका ने क्यों मिटाया?

 

इंजीनियरों को जानकारी नहीं, सर्वे नहीं, नोटिस नहीं—एडवोकेट बोले: यह लोक संपत्ति नुकसान अधिनियम के तहत दंडनीय

शिवगंज – चुंगी नाके की ‘आनन-फानन’ ढहाई… किसके हित में उड़ाई गई सरकारी इमारत?

शिवगंज। नगर पालिका की ओर से एक व्यक्ति को निजी फायदा पहुंचाने के लिए हाल ही में शिवगंज-सिरोही राजमार्ग पर बने हुए चुंगी नाका भवन को तोडने का मामला सामने आया है। जहां चुंगी नाका भवन था, उसके पास ही भवन की शिकायत करने वाले व्यक्ति की जमीन आईं हुईं हैं और वह उस जमीन पर शायद कोई बड़ा प्रोजेक्ट लगवा रहा है। भवन सीमेंट व पत्थरो से बना हुआ था और उनकी छत पर पत्थर की पट्टियां लगी हुई हुई थी एवं लोहे का दरवाज़ा व खिड़कियां थी। पालिका ने भवन उपयोगिता सम्बंधित सर्वे करवाए बीना ही भवन को आनन फानन में जेसीबी मशीन से तुड़वा कर मलबा भी मौके से हटवा दिया है। बताते हैं कि भवन को तोडने के पहले न तो किसी इंजीनियर से भवन की जांच करवाई और नहीं इसके लिए कोई सूचना सार्वजनिक की। भवन को तोड़ दिया है जो शहर में चर्चा व उच्च स्तरीय जांच का विषय बना हुआ है। जानकारी के अनुसार नगर पालिका ने चुंगी वसुली के लिए शहरी क्षेत्र में सिरोही की ओर जाने वाले राजमार्ग किनारे से करीब 20 फीट दूरी पर लगभग 15 गुणा 12 फ़ीट साइज़ में सीमेंट व पत्थरों से भवन का निर्माण करवाया था और छत पर पत्थर की पट्टियां लगवाईं थी एवं सुरक्षा की दृष्टि से लोहे की खिड़कियां और दरवाजा लगाया था। चुंगी वसुली बंद होने के बाद से यह भवन खाली पडा था। विगत अक्टूबर महीने की अंतिम सप्ताह में तीन व्यक्तियों ने नगर पालिका कार्यालय में अलग- अलग पत्र देकर भवन को तुड़वाने का आग्रह किया। पत्रों में बताया कि भवन में अनैतिक कार्य होते हैं,खुले घूम रहे पशु बैठते हैं, गंदगी पसरी रहती है और इससे सड़क पर हादसे होते हैं। जबकि वहां ऐसा कभी हुआ ही नहीं। शिकायत करने वाले इन तीनों व्यक्तियों में एक व्यक्ति की जमीन चुंगी नाका भवन के पास ही आई हुई है और वह अपनी जमीन पर कोई बड़ा प्रोजेक्ट लगवा रहा है एवं उनके प्रवेश द्वार के सामने ही यह चुंगी नाका भवन आया था। जबकि दो व्यक्तियों ने तो शिकायत पत्र पर सिर्फ हस्ताक्षर ही किए। न तो अपने पिता का नाम जाति लिखी है और नहीं निवास का पुरा पत्ता लिखा। बताते हैं इस भवन को हटाने के लिए पहले भी एक बार प्रयास किया था, लेकिन पालिका के अधिकारियों ने उस समय साफ इंकार कर दिया था,लेकिन इस बार भवन को नियमों को ताक में रखकर तुड़वा कर हटवा दिया है। यही नहीं,अब वहां खड़े नीम के पुराने पेड़ को हटाने के फ़िराक में है। इसके लिए उनकी बड़ी बड़ी टहनियों की कटाई भी शुरू कर दी है जो कुछ टहनियां तो मौके पर पड़ी है।

*क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी?*

मेरे आने से पहले और ड्यू प्रोसेस से तोड़ा गया था।

आसकरण सिंह अधिशाषी अधिकारी नगरपालिका शिवगंज

दरवाजा टूटने से अंदर अनैतिक गतिविधियाँ होने व मवेशी बैठने की शिकायत मिली थी। तीन व्यक्तियों के पत्रों पर एसडीएम और तत्कालीन ईओ के आदेश से भवन तोड़ा गया। दरवाजा–खिड़कियाँ पालिका स्टोर में रखी हैं। भवन तोड़ने से पहले किसी इंजीनियर की रिपोर्ट नहीं ली गई।

हितेंद्र सिंह, स्वास्थ्य निरीक्षक—नगर पालिका शिवगंज

सिरोही रोड पर मेवाड़ा हॉस्पिटल–अग्रसेन कॉलोनी के बीच पिछले तीन साल में सिर्फ एक हादसा हुआ। एक बार दुर्घटना होने से वह क्षेत्र एक्सीडेंट ज़ोन नहीं कहलाता।

बाबूलाल राणा, थानाधिकारी— पुलिस थाना शिवगंज

चुंगी नाका हटाने की मुझे कोई जानकारी नहीं हैं। न मुझसे कोई सर्वे करवाया गया, न मैंने कोई रिपोर्ट जारी की है।

भरत राजपुरोहित, कनिष्ठ अभियंता—नगर पालिका शिवगंज

हमें चुंगी नाका की जांच या सर्वे के लिए न लिखित, न मौखिक रूप से कोई आदेश मिला। भवन जर्जर था या नहीं—इसकी भी हमें कोई जानकारी नहीं है।

अवि कुमार, सहायक अभियंता—सार्वजनिक निर्माण विभाग

*क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि?*

सरकारी संपत्ति को बिना सर्वेy रिपोर्ट गिराना गलत है। मामले में अधिकारियों से बात करूँगा।

ताराराम कुमावत, अध्यक्ष—भाजपा नगर मंडल

सरकारी भवन निर्माण नियमों के अधीन होता है। उसे हटाने के लिए राज्य स्तरीय प्रक्रिया अनिवार्य होती है। बिना अनुमति भवन गिराना अपराध की श्रेणी में आता है। यदि एसडीएम के निर्देश पर यह कार्रवाई हुई है तो पूरी तरह अवैध है। आज चुंगी नाका हटा, कल कोई और भवन गिरा देंगे—यह स्वीकार्य नहीं। इसका हम पुरजोर विरोध करते हैं।

डॉ. हनवंत सिंह मेड़तिया, अध्यक्ष—कांग्रेस नगर मंडल

किसी भी सरकारी भवन को गिराने से पहले बोर्ड से विचार-विमर्श और राज्य स्तरीय अनुमति आवश्यक होती है। चुंगी नाका गिराने की कार्यवाही गलत है और इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।

प्रकाश राज मीणा, जिला अध्यक्ष—यूथ कांग्रेस

चुंगी नाका जो जगह थी वह किसी संस्था या जरूरतमंद के काम आ सकती थी लेकिन उसकी अनदेखी करते हुए किसी व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी नियमों को ताक कायदे में रखते हुए भवन को गिराया गया है जो गलत है। संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए वसूली भी उनसे ही की जानी चाहिए।

एडवोकेट मुकेश कुमार प्रजापत, शिवगंज

विधिक प्रक्रिया का अनुसरण किये बिना पालिका प्रशासन द्वारा सार्वजनिक सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाकर पालिका प्रशासन द्वारा लोक सम्पत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 के अपराध कारित किया गया है। हाल ही उच्चतम न्यायालय द्वारा लालचन्द्र राम बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के मामले में दिए निर्णय के अनुसार कोई भी व्यक्ति लोक सम्पत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 में दोषी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवा सकता है।

महेश अग्रवाल एडवोकेट, शिवगंज

Khabar Manch 24
Author: Khabar Manch 24

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